श्री कृष्ण के भांजे अभिमन्यु की कथा की पुष्टि
महाभारत आदि को मिथ्या मानने वालो के मुँह पर एक और थाप | महाभारत के इस प्रसंग को सभी जानते है की एक समय जब श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा गर्भ धारण किये हुए थी तब श्री कृष्ण उन्हें चक्रव्युह का तोड़ बता रहे थे असल में श्री कृष्ण तो ठहरे सर्वज्ञ, वे बता तो उसी शिशु ( अर्जुन पुत्र :- अभिमन्यु ) को रहे थे जो सुभद्रा के गर्भ में था क्योंकि वे जानते थे की इस शिशु को आगे जा कर इस रणनीति की परम आवश्यकता पड़ेगी । परन्तु नियति कुछ और ही थी । चक्रव्युह का वर्णन सुनते सुनते सुभद्रा जी की आंख लग गई और वर्णन केवल चक्रव्युह में घुसने (तोड़ने) तक ही हो पाया था निकलने का सुनने से पूर्व ही सुभद्रा जी सो गई । और इसी कारण श्री अभिमन्यु चक्रव्युह में घिर कर ही वीरगति को प्राप्त हुए थे | इस प्रसंग को श्री व्यास जी ने इस प्रकार लिखा है : ओम ओम ओम श्री कृष्णेन सुभद्राये गर्भवत्येनिरुपितम चक्रव्यूह प्रवेशस्य रहस्यम चातुदम्भितत अभिमन्यु स्तिथो गर्भे द्विवेद्यनानयुतो श्रुणो रहस्यम चक्रव्यूहस्य स.म्पूर्णम असत्यातवा यदार्जुनो गतोदुरम योदूं सम्शप्तदैसः अभिमन्यु.म बिनानान्यः समर्द्योव्यूहभेदने भेदितेच