श्री कृष्ण का जन्म तथा वंश(Birth and Dynasty of Lord Krishna)
श्री कृष्ण जी का जन्म चन्द्रवंश मे हुआ जिसमे ७ वी पीढी मे राजा यदु हुए और राजा यदु की ४९ वी पीढी मे शिरोमणी श्री कृष्ण जी हुए राजा यदु की पीढी मे होने के कारण इनको यदुवंशी बोला गया , श्री कृष्ण जी के वंशज आज भाटी, चुडसमा, जाडेजा , जादौन, जादव और तवणी है जो मुख्यत: गुजरात, राजस्थान , महाराष्ट्र, और हरियाणा मे है --!!!
श्री कृष्ण जी का छत्र और सिंहासन आज भी जैसलमेर के भाटी राजपरिवार के संग्राहलय मे सुरक्षित रखा हुआ है जो की श्री कृष्ण जी के वंशज है
श्रीकृष्ण और अर्जुन ऐसे पौराणिक पात्र हैं, जिनके कारण कर्म की अहमियत को दुनिया ने जाना। श्रीकृष्ण द्वारा युद्धभूमि में निष्क्रिय हुए अर्जुन को कर्म के लिए प्रेरित करने के लिए दिए गए उपदेश भगवद्गीता के पावन ग्रंथ के रूप में जगत प्रसिद्ध है।
भगवान् कृष्ण और अर्जुन दोनों ने कर्म और आचरण से न केवल अपने वंश का गौरव बढ़ाया बल्कि वह ऊंचाई दी, जिसे युग-युगान्तर तक भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए यहां जानते हैं श्रीकृष्ण और अर्जुन की वंशावली से जुड़ी रोचक बातें -
भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन दोनों चन्द्रवंशी थे। समय के बदलाव के साथ भगवान श्री कृष्ण यदुवंशी बने। वहीं अर्जुन पुरुवंशी हुए। बाद में कौरव और पांडव दोनों भरतवंशी या कुरुवंशी कहलाए।
ब्रह्मा के मानस पुत्र ऋषि अत्री और सती अनसूया से चंद्र जन्मे। इसके बाद देवगुरु बृहस्पति की पत्नी तारा और चन्द्रमा के मेल से बुध पैदा हुए।
बुध और इला से ही पुत्र पुरुरवा का जन्म हुआ। इसके बाद पुरुरवा और अप्सरा उर्वशी के विवाह से छ: पुत्रों का जन्म हुआ। जिनमें आयु नाम के पुत्र से नहुष और नहुष के बेटे हुए ययाति।
ययाति के देवयानी और शर्मिष्ट से मिलन से क्रमश: यदु और पुरु जन्में।
इसी यदु और पुरुवंश में श्री कृष्ण हुए और अर्जुन पैदा हुए।
जानते है संक्षिप्त में यदुवंश और पुरु वंश की पीढ़ी दर पीढ़ी जानकारी -
यदुवंश -यदु - विदर्भ - सात्वत्त - वृशनी और अन्धक वृशनी का पर पोता वृशनी - चित्ररथ - वासुदेव- भगवान् श्री कृष्ण - प्रद्युम्न - अनिरुद्ध - वज्रनाभ
पुरु वंश- पुरु- रैभ्य- दुष्यंत- राजा भरत- दत्तक पुत्र भरद्वाज- ब्रह्तक्ष्त्र- हस्ती-अज्मीध- कुरु - शांतनु - भीष्म पितामह चित्रांगद और विचित्रवीर्य -पांडू -अर्जुन -अभिमन्यु - परीक्षित - जन्मेजय- जन्मेजय के बाद 26वी पीढ़ी में राजा क्षेमक अन्तिम राजा माने गए हैं।
भारत में शुद्ध क्षत्रिय राजपूत यदुवंशियों की प्रमुख रियासते
करौली,जैसलमेर,कच्छ,भुज राजकोट,विजयनगर, जामनगर,सिरमौर,मैसूर आदि हैं.
दक्षिण का विजयनगर साम्राज्य, होयसल,देवगिरी आदि भी यदुवंशियो के बड़े राज्य थे।
पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में भी बड़े बड़े भाटी मुस्लिम राजपूत जमीदार हैं,सिंध में सम्मा,भुट्टो,भुट्टा भी यदुवंशी राजपूत हैं।...
उत्तर पश्चिम भारत के अतिरिक्त महाराष्ट्र में भी मराठा क्षत्रियो में जाधव वंश(यदुवंशी) पाया जाता है.छत्रपति शिवाजी की माता जीजाबाई भी यदुवंशी क्षत्राणी थी-!