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फ़रवरी, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Download Markandeya Puran Free in Hindi(मार्कण्डेय पुराण)

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Download Linga Puran Free in Hindi(लिंग पुराण)

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Download Koorma Puran Free in Hindi(कूर्म पुराण)

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Download Kalki Puran Free(कल्कि पुराण)

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Download GarudaPuran Free(गरुड़ पुराण )

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Download BramhvaivartPuran Free(ब्रम्हवैवर्त पुराण)

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Bramhand Puran Part 1 Bramhand Puran Part 2

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शिव के १२ ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga of Shiv)

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आइये आज महाशिवरात्रि के शुभपर्व पर प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों की जानकारी प्राप्त करें - ● 1- सोमनाथ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है। ● 2- मल्लिकार्जुन यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं। कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश

क्यू है गुड़ अमृत तुल्य (Benefits of Sugar Jaggery for Health and beauty)

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1. गुड़ शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है। सर्दियों में, यह शरीर के तापमान को विनियमित करने में मदद करता है। 2.गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है। 3. गुड़ खाने से याद्दाश्त कमजोर नहीं होती, इसलिए अगर आप अपनी याद्दाश्त दुरुस्त रखना चाहते हैं,तो इसका नियमित सेवन करें। 4. थकान मिटाने के लिए गुड़ का शर्बत पीएं। 5. अगर आपके कान में दर्द रहता है, तो घी में गुड़ मिलाकर खाएं। 6. जुकाम को भगाने में भी ये लाभदायक साबित होता है। 7. अगर आपको कम भूख लगती है, तो इसका सेवन करें.इसका सेवन करने से भूख ज्यादा लगती है। 8. अस्थमा से परेशान लोगों के लिए गुड़ और काले तिल से बने लड्डू खाना फायदेमंद होता हैं। 9. दिल की बीमारी से परेशान लोगों के लिए लाभदायक साबित होता है। 10. गुड़ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। 11. इसे खाने से बैठे हुए गले को ठीक किया जा सकता है। 12. गुड़ से बनी चाय सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, इसलिए चाय में चीनी की जगह गुड़ डालें। 13. अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं, तो गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटें. ऐसा करने से खट

श्री महेश्वर सूत्रः महेश्वर सूत्र के बारे मे (The Maheshwar Sutra)

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|| श्री महेश्वर सूत्रः || ********************* महेश्वर सूत्र (शिवसूत्राणि या महेश्वर सूत्राणि) को संस्कृत व्याकरण का आधार माना जाता है। महर्षि पाणिनि जी ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप को परिष्कृत एवं नियमित करने के उद्देश्य से भाषा के विभिन्न अवयवों एवं घटकों यथा ध्वनि-विभाग (अक्षरसमाम्नाय), नाम (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण), पद, आख्यात, क्रिया, उपसर्ग, अव्यय, वाक्य, लिङ्ग इत्यादि तथा उनके अन्तर्सम्बन्धों का समावेश "अष्टाध्यायी" में किया है। "अष्टाध्यायी" में ३२ पाद हैं जो आठ अध्यायों मे समान रूप से विभक्त हैं | व्याकरण के इस महनीय ग्रन्थ मे महर्षि पाणिनि ने विभक्ति-प्रधान संस्कृत भाषा के विशाल कलेवर का समग्र एवं सम्पूर्ण विवेचन करीब ४००० सूत्रों में, जो आठ अध्यायों मे संख्या की दृष्टि से असमान रूप से विभाजित हैं, किया है। तत्कालीन समाज मे लेखन सामग्री की दुष्प्राप्यता को देखते हुए महर्षि पाणिनि ने व्याकरण को स्मृतिगम्य बनाने के लिए सूत्र शैली की सहायता ली है। पुनः, विवेचन को अतिशय संक्षिप्त बनाने हेतु महर्षि पाणिनि ने अपने पूर्ववर्ती वैयाकरणों से

श्री रूद्र अष्टकम संस्कृत व अंग्रजी मे (Sri Rudra Ashtakam in Hindi English and Sanskrit)

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नमामीश मीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवॆद स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश माकाशवासं भजॆहम् ॥ निराकार मॊङ्कार मूलं तुरीयं गिरिज्ञान गॊतीत मीशं गिरीशम् । करालं महाकालकालं कृपालं गुणागार संसारसारं नतॊ हम् ॥ तुषाराद्रि सङ्काश गौरं गम्भीरं मनॊभूतकॊटि प्रभा श्रीशरीरम् । स्फुरन्मौलिकल्लॊलिनी चारुगाङ्गं लस्त्फालबालॆन्दु भूषं महॆशम् ॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनॆत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालुम् । मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥ प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परॆशम् अखण्डम् अजं भानुकॊटि प्रकाशम् । त्रयी शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजॆहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ कलातीत कल्याण कल्पान्तरी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी । चिदानन्द सन्दॊह मॊहापकारी प्रसीद प्रसीद प्रभॊ मन्मधारी ॥ न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लॊकॆ परॆ वा नाराणाम् । न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभॊ सर्वभूताधिवास ॥ नजानामि यॊगं जपं नैव पूजां नतॊ हं सदा सर्वदा दॆव तुभ्यम् । जराजन्म दुःखौघतातप्यमानं प्रभॊपाहि अपन्नमीश प्रसीद! ॥ रुद

केदारनाथ के ऐतिहासिक होने का प्रमाण (Proof of Ancient Kedarnath History)

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आस्था के प्रतीक केदारनाथ मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण राज पहली बार उजागर हो पाए हैं। हालही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को मंदिर के ११ -१२वीं सदी के प्रमाण मिले हैं। केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर गोदे गए अक्षरों (पुरालेखों) के अध्ययन के बाद विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है। मंदिर की दीवारों पर प्रारंभिक नागरी व नागरी में लिखे अक्षर मिले, जो ११ -१२वीं सदी में ही लिखे जाते थे। जून २०१३ की आपदा में केदारनाथ मंदिर के भीतर जमकर मलबा भर गया था। एएसआइ को मलबे की सफाई के दौरान मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह अक्षर (पुरालेख) गुदे हुए मिले, जिनके अध्ययन के लिए मैसूर से विभाग की इफिग्राफी ब्रांच के विशेषज्ञ बुलाए गए थे। इफिग्राफी ब्रांच के निदेशक डॉ. रविशंकर की ओर से अध्ययन रिपोर्ट पूरी कर विभाग के महानिदेशक व क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून को भेजी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरालेख प्रारंभिक नागरी व नागरी में दर्ज हैं, जिससे माना जा सकता है कि मंदिर ११ -१२वीं सदी में अस्तित्व में आया। विशेषज्ञों ने चिंता भी जाहिर की कि पुरालेखों में किसी तारीख का उल्लेख नहीं मिला। न ही किसी

मांसाहार खाद्य उद्योगो का घिनौना रहस्य (Inhuman Shocking Secret of animals you eat)

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आप जैसे लाखों ने मांस, डेयरी, अंडे और उद्योगो में पशुओं को क़्या होता है, इसके बारे में सच की खोज की है। आप जैसे लाखों लोग अब एक बदलाव लाने के लिए और अपने बारे में अच्छा महसूस करने क़े लिए सशक्त हैं